परिचय
संस्कृतशिक्षण में एन्ड्रॉयड एप्लीकेशन
प्रो.मदनमोहनझा आचार्य (Prof.) विभागाध्यक्ष
शिक्षाशास्त्रविभाग
संस्कृत के कुछ एन्ड्रॉयड एप्लीकेशन्स जिसे मैने अपने निर्देशन में बनवाया है तथा इनके उपयोग लोंगों के द्वारा किया जा रहा हा । इन में एक एप्लिकेशन का एक वर्ष में ही एकलाख पचपन हजार 154039 उपयोगकर्ता हो गये है। आज तक के इतिहास मे किसी भी संस्कृत पुस्तक या एप का इतना यूजर नहीं हुआ होगा।
वाचस्पत्यम् –
वाचस्पत्यम् संस्कृत का आधुनिक महाशब्दकोश है। इसका संकलन तर्कवाचस्पति तारानाथ भट्टाचार्य (1812-1885) ने किया था जो बंगाल के राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक थे। इसका निर्माण सन १८६६ ई में आरम्भ हुआ और १८८४ ई में समाप्त। इस प्रकार इसको पूरा करने में १८ वर्ष लगे। शब्दकल्पद्रुम कीअपेक्षा संस्कृत कोश का यह एक बृहत्तर संस्करण है। सामान्य दृष्टि से—रचनाविधान की पद्धति के विचार से— ‘वाचस्पत्यम्’ की ‘शब्दकल्पद्रुम’ का विकसित रूप कहा जा सकता है। ‘विल्सन’ और ‘मोनियर विलियम्य’ के कोशों द्बारा अर्थबोध, शब्दार्थज्ञान एवं शब्दप्रयोग की सूचना तथा व्याख्या-परक परिचय संक्षिप्त है, पर उपयोगी रूप में कराया गया है। परंतु ‘शब्दकल्पद्रुम’ और ‘वाचस्पत्यम्’ द्वारा उद्धरणों की विस्तृत पृष्ठभूमि के संपर्क में उभरे हुए अर्थचित्र यद्यपि संश्लिष्टबोध देने में सहायक होते है तथापि उद्धरणों के माध्यम से संबद्धज्ञान का आकार विश्वकोशीय हो गया है। उपयोगितासपन्न होकर भी सामान्य संस्कृतज्ञों के लिये— यह व्यावाहारिक सौविध्य से रहित हो गया है। डॉनलोड करने का लिंक- https://play.google.com/store/apps/details?id=com.srujanjha.vachaspatyam&hl=en
इसका ऑनलाईन, विन्डॉव तथा ऑफलाईन वर्सन भी उपलब्ध है ।
शब्दकल्पद्रुम-
शब्दकल्पद्रुम संस्कृत का आधुनिक युग का एक महाशब्दकोश है। यह पूर्णतः संस्कृत का एकभाषीय कोश है और सात खण्डों में विरचित है। इस कोश में यथासंभव समस्त उपलब्ध संस्कृत साहित्य के वाङ्मय का उपयोग किया गया है। अनेक प्रकार के कोशों का शब्दार्थकोश, प्रर्यायकोश, ज्ञानकोश और विश्वकोश का संमिश्रित महाकोश है। इसमें बहुबिधाय उद्धरण, उदाहरण, प्रमाण, व्याख्या और विधाविधानों एवं पद्धतियों का परिचय दिया गया है। इसमें गृहीत शब्द ‘पद’ हैं, सुवंततिङ्गन्त प्रातिपदिक या धातु नहीं। सात भागों में ग्रन्थ के रूप में ग्रथित हैं अतः सम्भव नही कि इसका उपयोग विद्वान, अध्येता या शोधकर्ता सहजतया कर सकें । यही सोच कर हमने ऐसे प्रयाश किया कि अव शब्दकल्पद्रुम सभी के हाथ में एन्ड्रॉय एप के रूप में उपलब्ध हो । यदि अन्य व्याकरणशास्त्रीय संसाधनों (जो मेरे मार्गदर्शन में निर्मित है ) की तरह यह संसाधन भी आप के लिए उपयोगी होता है तो मेरा ये परिश्रम सफल होगा तथा अन्य शास्त्रों में भी प्रवेश करने का भविष्य में प्रयास करुंगा । लिंक है- https://play.google.com/store/apps/details?id=org.shrutijha.sanskrit_sanskrit&hl=en
इसका ऑनलाईन, विन्डॉव तथा ऑफलाईन वर्सन भी उपलब्ध है ।
संस्कृत इङ्ग्लिश डिक्शनरी (शब्दकोश:) : –
इस ऐप में अकारादिक्रम से scrool कर के संस्कृतपदों का आङ्ग्ल अर्थ देख सकते हैं । साथ ही उस संस्कृत पद को अंग्रेजी में कैसे लिखा जाएगा तथा उसका लिङ्गादि क्या है यह भी जाना जा सकता है । इससे संस्कृत शब्दों के अंग्रेजी अर्थ जानने में अत्यन्त सुलभ होता है । डॉनलोड करने हेतु लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.shruti.sanskritdictionary&hl=en
शब्दरूपमाला – (shabdroopmala)-
अपने सुसमृद्ध स्वरूप में । शब्दरूपमाला में अकारान्त, आकारान्त, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त, ऊकारान्त, एकारान्त, ओकारान्त, ऋकारान्त, एकारान्त, ओकारान्त, ककारान्त तकारान्त, नकारान्त, जकारान्त, दकारान्त, मकारान्त, हकारान्त, सकारान्त षकारान्त शकारान्त, रकारान्त, पकारान्त आदि सभी प्रकार के शब्दों का तथा सर्वनाम आदि शब्दों का तीनों वचनों में, तीनों लिङ्गों में तथा सातों विभक्तियों में रूप उपलब्ध है । इसमें प्रायः 421 शब्दों का रूप उपलब्ध है । डॉनलोड करने का लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.shrutijha.shabdroopmala&hl=en
संस्कृत-हिन्दी डिक्सनरी –
उपयोगकर्ताओं के भारी मांग पर प्रस्तुत है संस्कृत से हिन्दी डिक्सनरी । इसका 135000 यूजर है । इसमे प्रायः अकारादि क्रम से 10000 संस्कृत शब्दों का हिन्दी में अर्थ उपलब्ध है । यह एऩ्डॉयड एप है । इसे google play store से प्राप्त कर सकते हैं । डॉनलोड करने हेतु लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.shrutijha.sanskrit_hindidictionary&hl=en
सिद्धान्तकौमुदी :
इसमे वैयाकरण सिद्धान्तकौमुदी क्रम में सूत्रों को सूत्रसंख्या scrool कर के सम्पूर्ण व्याकरण सूत्रों का प्रथमावृत्ति (पदच्छेद, समास, सूत्रार्थ, उदाहरण आदि) देख सकते हैं । इसमें व्याख्या विकल्प चयन करने पर लघुसिद्धान्तकौमुदी, सिद्धान्तकौमुदी, बालमनोरमा, तत्त्वबोधिनी, प्रौढमनोरमा, काशिकावृत्ति, न्यास, महाभाष्य आदि सभी प्रमुख टीकाएं, सुकरतया देख सकते हैं । यह भी व्याकरणाध्ययन एवं सन्दर्भ अन्वेषण के दृष्टि से अद्भुत है । डॉनलोड करने हेतु लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.siddhantakaumudi&hl=en
संस्कृत अष्टाध्यायी सूत्राणि:–
इस ऐप में समग्र रूप से अकारादि क्रम से या लिख कर या सूत्र देखकर तीनों प्रकार से स्क्रॉलिंग की सुविधा है । का प्रथमावृत्ति (पदच्छेद, समास, सूत्रार्थ, उदाहरण आदि) देख सकते हैं । तथा लघुसिद्धान्तकौमुदी, बालमनोरमा, प्रौढमनोरमा, काशिकावृत्ति, न्यास, महाभाष्य आदि सभी प्रमुख टीकाएं, तत्त्वबोधिनी भी सुकरतया देख सकते हैं । यह भी व्याकरणाध्ययन एवं सन्दर्भ अन्वेषण के दृष्टि से अद्भुत है । इसमें प्रथमावृत्ति (पदच्छेद, समास, सूत्रार्थ, उदाहरण आदि) देख सकते हैं । तथा लघुसिद्धान्तकौमुदी, बालमनोरमा, प्रौढमनोरमा, काशिकावृत्ति, न्यास आदि सभी प्रमुख टीकाएं, तत्त्वबोधिनी भी सुकरतया देख सकते हैं । यह भी व्याकरणाध्ययन एवं सन्दर्भ अन्वेषण के दृष्टि से अद्भुत है । डॉनलोड करने का लिंक है- https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.ashtadhyayivarnanukramanika&hl=en
इसका ऑनलाईन, विन्डॉव तथा ऑफलाईन वर्सन भी उपलब्ध है ।
धातुरूपमाला :-
इस ऐप में पाणिनीयधातुपाठ में विद्यमान प्रायः दो हजार धातुओं का अर्थ, गण, सेडनिट्, परस्मैपदम्, आत्मनेपदम्, उभयपदम्, दशों लकारों में कर्तृकर्मभाववाच्य में धातुरूप, क्षीरतरङ्गिणी, माधवीया धातुवृत्ति तथा धातुप्रदीप के विशिष्टसन्दर्भ निहित हैं । ये सभी अब विना कण्ठस्थीकरण के क्रीडा के द्वारा ही लोग जान सकते हैं । डॉनलोड करने हेतु लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.dhatuvrttis&hl=en
इसका ऑनलाईन, विन्डॉव तथा ऑफलाईन वर्सन भी उपलब्ध है ।
पाणिनि अष्टाध्यायी : –
इसमें अष्टाध्यायी सूत्रक्रम से अध्याय पाद एवं सूत्रसंख्या scrool कर के सम्पूर्ण पाणिनि अष्टाध्यायी का अध्ययन कर सकते हैं । इसमें सूत्र, प्रथमावृत्ति (पदच्छेद, समास, सूत्रार्थ, उदाहरण आदि) देख सकते हैं । तथा लघुसिद्धान्तकौमुदी, बालमनोरमा, प्रौढमनोरमा, काशिकावृत्ति, न्यास, महाभाष्य आदि सभी प्रमुख टीकाएं, तत्त्वबोधिनी भी सुकरतया देख सकते हैं । व्याकरणाध्ययन एवं सन्दर्भ अन्वेषण के दृष्टि से अद्भुत है । डॉनलोड करने हेतु लिंक है-https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.paniniashtadhyayi&hl=en
एडुनेट –
यह एक शैक्षिक स्वतः परीक्षण हेतु एप है । इसमें शिक्षाशास्त्र में नेशनल इलेजिबिलिटि टेस्ट (लेक्चरर) तथा जूनियर रिसर्च फेलोसिप हेतु परीक्षण है । प्रायः आठ सेट प्रश्नपत्र है । इसमें अपना नाम लिख कर समय अंकित करना पडता है । पुनः परीक्षण आरम्भ होता है । कौन सा उत्तर सही है, कौन सा गलत इसमें तत्काल बता दिया जाता है । अन्त में आपका प्राप्तांक भी बता दिया जाता है । इतना ही नही यह बताता है कि सर्वाधिक प्राप्तांक कितना है तथा पूर्व परीक्षण में प्राप्तांक कितना है । लिंक है- https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.quizapp&hl=en
पुस्तक सन्दर्शिका–
उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान का पुस्तकालय अब मोवाईल पर । पुस्तकालय विज्ञान के इतिहास में प्रथम एवं अभिनव प्रयोग । आपको कई ऐसे पुस्तकों की जानकारी भी मिलेगी,जिसे पढने की सलाह आजतक आपको किसी ने नहीं दिया होगा। अनुसंधान निर्देशक तथा कक्षा में पाठ्येतर सामग्री,सहायक ग्रन्थ की जानकारी देने के लिए यहाँ से सूचना पा सकेंगें। संस्कृत में सद्यः प्रकाशित ग्रन्थों को भी सूची में स्थान दिया गया है। ग्रन्थ और ग्रन्थकार का नाम पलक झपकते आपके पास होती है। अबतक आप लोग संस्कृत के 200 से 500 पुस्तकों के नामों, लेखकों से परिचित होंगें। अब आपका दायरा बढ जाएगा। अबतक इस प्रकार का साधन और सुविधा आपको नहीं मिली थी। शोधार्थी तथा अन्य जिज्ञासु समय निकालकर हमारे पुस्तकालय में आकर पढ सकते हैं। इसे पुस्तक का नाम इन्टरनेट पर खोजकर पढा जा सकता है। कौन पुस्तक किस प्रकाशन से छपी है पता कर खरीद लें। यदि आप किसी पुस्तकालय या विद्यालय के लिए पुस्तक खरीदने की योजना बना रहे है, किसी विषय पर कौन कौन पुस्तक बाजार में उपलब्ध है इससे पता करें आदि अनेक उपयोग हैं। https://l.facebook.com/l.php?u=https%3A%2F%2Fplay.google.com%2Fstore%2Fapps%2Fdetails%3Fid%3Dcom.srujanjha.upss_library%26hl%3Den&h=TAQFrKJzt
अमरकोशः-
अमरकोश संस्कृत के कोशों में अति लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इसे विश्व का पहला समान्तर कोश (थेसॉरस्) कहा जा सकता है। इसके रचनाकार अमरसिंह बताये जाते हैं जो चन्द्रगुप्त द्वितीय (चौथी शब्ताब्दी) के नवरत्नों में से एक थे। कुछ लोग अमरसिंह को विक्रमादित्य (सप्तम शताब्दी) का समकालीन बताते हैं। इस कोश में प्राय: दस हजार नाम हैं, जहाँ मेदिनी में केवल साढ़े चार हजार और हलायुध में आठ हजार हैं। इसी कारण पंडितों ने इसका आदर किया और इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई।
अपार हर्ष के साथ अमरकोश ग्रन्थ का एण्ड्रॉयड एप्लिकेशन प्रस्तुत कर रहा हूँ । यह मात्र अमरकोश नही शब्दकोश संग्रह ही है । इसमें सभी शब्दों का पर्याय पद, लिंग, अर्थ आदि को दर्शाया गया है । साथ ही उपयोगकर्ता के सौलभ्य हेतु उनके शब्दकल्पद्रुम, वाचस्पत्यम्, वीलियम मोनियर ,आप्टे अंग्रेजी डिक्शनरी, शब्दसागर, पुराणकोश आदि भी दिया गया है । आशा है कि उपयोगकर्ता को उपयोग में सुलभ होगा और विद्वान अपना महत्वपूर्ण राय अवश्य देंगे । डॉउनलोड करने का लिंक है- https://play.google.com/store/apps/details?id=org.srujanjha.amarkosh
संस्कृतशास्त्रान्वेषिका –
इयमेका संस्कृतशास्त्राणामन्वेषणार्थं वेवसंसाधनी अस्ति । अत्र सर्वेषामुपलब्धनां संस्कृत-ई-टेक्स्टरूपेण संकलितानां संस्कृतग्रन्थानां वेवशोर्टेवल (वेव-आधारितान्वेषणात्मकस्वरूपम्) स्वरूपं प्रस्तुतमस्ति । अस्मिन् वेवसंसाधने उपलब्धसंस्कृतग्रन्थानां प्रकरणात्मकं, अध्यायात्मकं, सूत्रात्मकं, आद्यक्षरात्मकं, संख्यात्मकं, श्लोकात्मकं शब्दात्मकञ्चेत्यादिरूपात्मकमन्वेषणं कर्तुं शक्यते ।
साराभाई भरतनाट्यम वैजयती माला भरतनाट्यम हेमामालिनी भरतनाट्यम बिरजू महाराज कत्थक अच्छन महाराज कत्थक गोपीकृष्ण कत्थक सितारा देवी कत्थक रोशन कुमारी कत्थक बदना सेन कत्थक उमा शर्मा कत्थक केशव कोठारी कत्थक काजल शर्मा कत्थक शोभना नारायण कत्थक मृणालिनी साराभाई कथकली गुरु शकरन नबूदरीपाद कथकली थोटट्म शंकरन कथकली कुट्टी नैयर कथकली शकर कुरुप कथकली के. सी. पन्नीकर कथकली टी. टी. राम कुण्डली नैयर कथकली प्रतिमा देवी ओडिसी सयुक्त पाणिग्रही ओडिसी सोनल मानसिंह ओडिसी पंकज चरण दास ओडिसी केलुचरण महापात्र ओडिसी कल्याणी अम्मा मोहिनी अट्टम भारती शिवाजी मोहिनी अट्टम विम्बावती देवी मणिपुरी झाबेरी बहने मणिपुरी गुरु विपिन सिंह मणिपुरी शांति वर्धन मणिपुरी यामिनी कृष्णमूर्ति कुचीपुड़ी वेदांतम सत्यनारायण शर्मा कुचीपुड़ी स्वप्न सुंदरी कुचीपुड़ी