वाचाभिरतीतानागतवर्तमानविप्रकृष्टं ज्ञायते वाचाभिरतीतानागतवर्तमानविप्रकृष्टं ज्ञायते । यजुर्वेदीय उब्बटभाष्यम् ४/२३ वाणी के द्वारा ही अतीत, अनागत और वर्तमान का ज्ञान होता है ।