नृत्तं वाद्यानुगं प्रोक्तं वाद्यं गीतानुवर्ति च ।
अतो गीतं प्रधानत्वादत्रादावभिधीयते ।।
संगीत रत्नाकर १/२४-२५
गान के अधीन वादन और वादन के अधीन नर्तन है
अतः इन तीनों कलाओं में गान को ही प्रधानता दी गई है ।
नृत्तं वाद्यानुगं प्रोक्तं वाद्यं गीतानुवर्ति च ।
अतो गीतं प्रधानत्वादत्रादावभिधीयते ।।
संगीत रत्नाकर १/२४-२५
गान के अधीन वादन और वादन के अधीन नर्तन है
अतः इन तीनों कलाओं में गान को ही प्रधानता दी गई है ।