आर्यादिबहुव्याख्यानं देवर्षिचरिताश्रयम् ।
इतिहासमिति प्रोक्तं भविष्याद्भुत धर्मभुक् ।।
क. हिन्दू संस्कृति अंक, पृ. ३०१
आर्य ऋषियों द्वारा कहे गए विविध व्याख्यान,
देवता और ऋषियों के चरित तथा अद्भुत
धर्म कथाओं वाला ग्रन्थ इतिहास कहलाता है ।