आरोग्यं विद्वत्ता सज्जनमैत्री महाकुले जन्म ।
स्वाधीनता च पुंसां महदैश्वर्यं विनाप्यर्थे:।।
आरोग्य, विद्वत्ता, सज्जनोंसे मैत्री, श्रेष्ठ कुल में जन्म, दूसरेके ऊपर निर्भर न होना यह सब धन नहीं होते हुए भी पुरूषों का एश्वर्य है ।
आरोग्यं विद्वत्ता सज्जनमैत्री महाकुले जन्म ।
स्वाधीनता च पुंसां महदैश्वर्यं विनाप्यर्थे:।।
आरोग्य, विद्वत्ता, सज्जनोंसे मैत्री, श्रेष्ठ कुल में जन्म, दूसरेके ऊपर निर्भर न होना यह सब धन नहीं होते हुए भी पुरूषों का एश्वर्य है ।