दरिद्रता धीरतया विराजते कुवस्त्रता शुभ्रतया विराजते।
कदन्नता चोष्णतया विराजते कुरूपता शीलतया विराजते।।
दरिद्रता धीरतया विराजते – दरिद्र भी धैर्यं धारण करने से अच्छा लगता है
कुवस्त्रता शुभ्रतया विराजते – कुवस्त्र भी शुभ्र होने से अच्छा लगता है
कदन्नता उष्णतया विराजते – कदन्न भी गर्म होने से अच्छा लगता है
कुरूपता शीलतया विराजते – कुरूप भी उत्तम शील होने से अच्छा लगता है
विराजते (वि-राज-भ्धादिगणी आत्मने0, लट् प्रथम पुरुष एकवचन) धीरतया शुभ्रतया उष्णतया शीलता (धीरता शुभ्रता उष्णता शीलता-स्त्री0 तृ0 ए0)