उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय प्राच्य विद्याओं के संरक्षण एवं संवर्धन के ध्येय को सामने रखकर कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के साथ उत्तराखण्ड के 44 महाविद्यालय सम्बद्ध है और मुख्य परिसर हरिद्वार में स्थापित है। विश्वविद्यालय ने आधुनिक विषयों और विद्याओं को संस्कृत के साथ जोड़कर अध्ययन-अध्यापन की पहल की है।
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित संस्कृत आयोग 1956-57 की अनुशंसा के आधार पर उत्तराखण्ड प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के उन्नयन के लिये उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना 21 अप्रैल, 2005 को की गई। प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करते हुए यह विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति पथ पर बढ़ता जा रहा हैं आज देश के विभिन्न संस्कृत विश्वविद्यालय में यह अपना स्थान बना चुका है। विगत कुछ दशकों से देशभर में पुनः संस्कृत भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार दिखाई देता हैं। उस संस्कृत भाषा के संरक्षण, उन्नयन, आधुनिक ज्ञानविज्ञान के नवाचार और नवोन्मेष के लिए यह विश्वविद्यालय सक्रिय है।
वर्तमान समय संस्कृत, कम्प्यूटर और विज्ञान के बीच अभूतपूर्व सम्भावनाओं का है, इसलिए संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत, कम्प्यूटर के अन्तर्सम्बन्ध पर आधारित शैक्षिक गतिविधियों को भी अपनी प्राथमिकता प्रदान की है।
www.usvv.ac.in/aboutus.php
जालपत्र