7 जुलाई, 1 9 81 ओडिशा के इतिहास में एक यादगार दिन है। उस दिन, हिंदू कैलेंडर के अनुसार हेरा पंचमी। श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि में हुई थी, जो राज्य के संस्कृत प्रेमियों की लंबी आकांक्षाओं को पूरा करते थे। संस्कृत शिक्षा के इस प्रमुख संस्थान की स्थापना का श्रेय ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रजनन वाचस्पति Sj को जाता है। संस्कृत के एक प्रसिद्ध विद्वान जानकी बल्लभ पत्तनयक, जिन्होंने मौजा बलुखंद के स्थान पर 7-7-1918 को 9 AM पर नींव रखी। उद्घाटन समारोह एस.सी.एस में 10.00 ए.एम पर औपचारिक रूप से मनाया गया था। वैदिक भजनों का जप करते हुए कॉलेज के परिसर, शास्त्रमय संस्कारों का पालन, घंटी बजाना और शंखों को उड़ाना। Sj तत्कालीन शिक्षा मंत्री और युवा सेवाओं के गंगाधर महापात्रा ने सभा का स्वागत किया। Sj उड़ीसा के विश्वविद्यालयों के तत्कालीन गवर्नर और चांसलर सीएम पुनाचा ने उद्घाटन भाषण और एसजे दिया। जेबी पट्टानायक समारोह के मुख्य अध्यक्ष थे। विश्वव्यापी के संस्थापक कुलगुरू प्रोफेसर प्रहलाद प्रधान ने धन्यवाद का प्रस्ताव दिया।
http://www.sjsv.nic.in/index.htm
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